हिंदी कहानियां - भाग 128
एक दिन बादशाह अकबर के ध्यान में पांच प्रश्न आए, जिनको उन्होंने सभी दरबारियों से पूछा| बीरबल उस समय दरबार में मौजूद नहीं थे|
वे पांच प्रश्न इस प्रकार थे-
1. फल कौन सा अच्छा?
2. दूध किसका अच्छा?
3. मिठाई कौन सी अच्छी?
4. पत्ता कौन सा अच्छा?
5. राजा कौन अच्छा?
बादशाह के प्रश्नों को सुनकर दरबारियों में मतभेद पैदा हो गया| किसी ने गुलाब का फूल अच्छा बताया तो किसी ने कमल का फूल| इसी तरह दूध के लिए भी मतभेद हुआ| किसी ने गाय का दूध, किसी ने भैंस का व किसी ने बकरी का दूध श्रेष्ट बताया| मिठाई में किसी ने गन्ने को व किसी ने अन्य मिठाइयों को श्रेष्ट बताया|
पत्ते में किसी ने केले का पत्ता, किसी ने नीम आदि के पत्ते को गुणकारी बताकर अपनी योग्यता का परिचय दिया|
राजा कौन अच्छा मैं किसी चापलूस दरबारी ने कहा कि बादशाह अच्छे|
बस फिर क्या था, इस जवाब का सभी ने एक स्वर में समर्थन किया कि हमारे बादशाह सबसे अच्छे|
बादशाह को इन लोगों की स्वामी भक्ति पर प्रसन्नता तो जरूर हुई किंतु अपने प्रश्नों का सही उत्तर नहीं मिला| इसलिए उन्हें संतोष नहीं हुआ| बादशाह, बीरबल का इंतजार कर रहे थे क्योंकि वे जानते थे कि उनके इन प्रश्नों का सही उत्तर बीरबल ही दे सकते हैं|
बादशाह यह सोच ही रहे थे कि अचानक बीरबल दरबार में आ पहुंचे| बादशाह ने बीरबल से वह पांचों प्रश्न दोहराएं और उनका जवाब मांगा|
बीरबल ने कहां:
1. फूल कपास का अच्छा होता है जिससे सारी दुनिया का पर्दा बनता ,है क्योंकि उसी फूल से कपड़े बनते हैं|
2. दूध अपनी माता का सबसे अच्छा होता है क्योंकि इसी से शरीर बनता है|
3. मिठास, जिव्हा की वाणी में होती है|
4. पत्ता पान का अच्छा होता है, जो धार्मिक अनुष्ठानों में भी पूजनीय है|
5. राजाओं में इंद्र सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि इन्हीं की आज्ञा से पानी बरसता है जिसके कारण संसार में कृषि का कार्य होता है और हमारा व प्रजा का
पालन पोषण होता है|
बादशाह और सभी दरबारी बीरबल के इन उत्तरों को सुनकर बहुत ही प्रसन्न हुए|